अब हर साल नहीं होगा CAR-BIKE इंश्योरेंस : सुप्रीम कोर्ट
अब हर साल नहीं कराना पड़ेगा CAR-BIKE इंश्योरेंस, सुप्रीम कोर्ट ने लागू की नई व्यवस्था 25 July, 2018, नई दिल्ली. Law Expert and Judiciary Exam .
पहली सितंबर से लागू होगा नियम. पहली सितंबर से कार खरीदने के साथ दो साल का थर्ड पार्टी बीमा कराना अनिवार्य होगा.
सितंबर 2018 से कार खरीदने के साथ दो साल का थर्ड पार्टी बीमा कराना अनिवार्य होगा. वहीं बाइक के साथ 5 साल का थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस खरीदना अनिवार्य कर दिया गया है.सुप्रीम कोर्ट ने पहली सिंतबर 2018 से इस नियम को अनिवार्य बनाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) से इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने को कहा है. अब तक सिर्फ दोपहिया वाहनों के लिए ही एक साल से अधिक अवधि वाला बीमा कवर बाजार में मिल रहा था. सिर्फ 45 फीसदी बाइक व स्कूटर ही बीमित ।
सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा पर अदालती कमेटी की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए यह नियम अनिवार्य किया है. कमेटी ने सिफारिश की थी कि दोपहिया या चौपहिया वाहनों की बिक्री के समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर एक साल की जगह क्रमश: 5 साल और 2 साल के लिए अनिवार्य जाए. सूत्रों के मुताबिक सिर्फ 45 फीसदी बाइक व स्कूटर ही बीमित हैं जबकि 70 फीसदी कार इंश्योर्ड हैं.
क्या है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस: कवर मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक सड़क पर दौड़ रहे सभी वाहनों का थर्ड पार्टी वाहन बीमा होना अनिवार्य है. हर पॉलिसी में दो हिस्से होते हैं-थर्ड पार्टी कवर व ओन डैमेज. देश में सभी वाहनों के लिए थर्ड पार्टी कवर अनिवार्य है. यह वाहन से किसी थर्ड पार्टी को नुकसान की भरपाई करता है. यह ओनर के वाहन को पहुंची क्षति को कवर नहीं करता. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर का प्रीमियम प्रत्येक वर्ष IRDA तय करता है.
इसके अलावा केंद्र सरकार जल्द ही मोटर व्हीकल नियमों में बदलाव करने जा रही है. डिजिटल इंडिया के तहत मोटर व्हीकल एक्ट को भी डिजिटाइज्ड करने की योजना है. यही वजह है कि अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस साथ लेकर नहीं चलना होगा. यह सब आपके मोबाइल पर होगा.
दरअसल, अभी तक ट्रैफिक पुलिस गाड़ियों के ओरिजनल दस्तावेज देखते थे, लेकिन नए नियमों के बाद इसका डिजिटल वर्जन भी स्वीकार किया जाएगा. मोटर व्हीकल नियम में बदलाव होने के बाद ट्रैफिक कंट्रोलर्स गाड़ियों के सभी दस्तावेजों का डिजिटल वर्जन स्वीकार करेंगे.
इसमें रजिस्ट्रेशन, गाड़ी का इंश्योरेंस, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट और ड्राइविंग लाइसेंस शामिल हैं. सड़क परिवहन मंत्रलाय जल्द ही इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर सकता है. फिलहाल, जारी किए गए ड्राफ्ट में जो प्रस्ताव दिए गए हैं उनमें डिजिटल डॉक्यूमेंट्स भी शामिल हैं. बदलाव के बाद सभी डॉक्युमेंट्स को डिजिटली अपने स्मार्टफोन में सेव रख सकेंगे और जरूरत पड़ने पर दिखाने के काम आएंगे.
वाहन स्वामियों को इसके लागू होने से बहुत सुविधा होगी और वे अनचाहे शोषण से भी बच सकेंगे।
जवाब देंहटाएं15 साल का इंश्योरेंस 1 टाइम हो
जवाब देंहटाएंजाय
Yes very good
हटाएंgood do fast
जवाब देंहटाएंबहुत सही है
जवाब देंहटाएंLifetime insurance ek bar gadi buy Marank ke time hi ho
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