पुलिस संदेह पर किसी नागरिक की अचल संपत्ति को सील नहीं कर सकती : हाईकोर्ट
JULY 14, 2018 •Law Expert and Judiciary Exam.↔↔
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इस मामले में, पुलिस ने इस आधार पर एक दूकान को सील कर दिया कि इस दूकान में रखी कुछ वस्तुओं का संज्ञेय अपराध से संबंध है। कोर्ट ने इस संबंध में बिश्वनाथ पॉल बनाम झारखंड राज्य मामले में झारखंड हाईकोर्ट के फैसले का उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि जांच के क्रम में सीआरपीसी की धारा 102 के तहत पुलिस किसी अचल संपत्ति को सील नहीं कर सकती।
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“सीआरपीसी की धारा 102 के तहत ‘जब्त’ का अर्थ है सर्फ चल संपत्ति को अपने कब्जे में लेना” छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने निसार हुसैन बनाम छत्तीसगढ़ राज्य मामले में अपने फैसले में कहा कि पुलिस को अचल संपत्ति को सील करने का अधिकार नहीं है और सीआरपीसी की धारा 102 के तहत ‘जब्त’ का मतलब है चल संपत्ति को कब्जे में लेना।
न्यायमूर्ति संजय के अग्रवाल ने सुधीर वसंत कर्नाटकी मोहिदीन मुहम्मद शेख दाऊद बनाम महाराष्ट्र राज्य मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा सीआरपीसी की धारा 102 के तहत कार्रवाई करते हुए पुलिस अचल संपत्ति को जब्त नहीं कर सकती। सीआरपीसी की धारा 102 कुछ संपत्तियों को जब्त करने के बारे में पुलिस के अधिकारों से संबंधित है। इसमें कहा गया है : कोई पुलिस अधिकारी ऐसी किसी भी संपत्ति को जब्त कर सकता है जिसके बारे में संदेह है या आरोप है कि वह चुराई गई है या किसी अपराध से वह संबद्ध है।इस मामले में, पुलिस ने इस आधार पर एक दूकान को सील कर दिया कि इस दूकान में रखी कुछ वस्तुओं का संज्ञेय अपराध से संबंध है। कोर्ट ने इस संबंध में बिश्वनाथ पॉल बनाम झारखंड राज्य मामले में झारखंड हाईकोर्ट के फैसले का उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि जांच के क्रम में सीआरपीसी की धारा 102 के तहत पुलिस किसी अचल संपत्ति को सील नहीं कर सकती।
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