गुजारा भत्ता देने वाले पिता को बेटी से मिलने का भी हक : दिल्‍ली हाईकोर्ट

गुजाराभत्ता देने वाले पिता को बेटी से मिलने का भी हक : दिल्‍ली हाईकोर्ट

पिता बेटी को जन्मदिन, नियमित अंतराल पर देखने का हक रखता है : दिल्‍ली हाईकोर्ट .अदालत ने दिल्ली के एक व्यक्ति की याचिका को निपटाते हुए यह फैसला सुनाया. 

नई दिल्‍ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज एक व्यक्ति को स्कूल में उसकी बेटी से मिलने की अनुमति देते हुए कहा कि एक पिता जो अपनी बेटी के लिए गुजाराभत्ता देने को तैयार और इसका इच्छुक है, वह नियमित अंतराल पर या कम से कम उसके जन्मदिन पर उससे मिलने का हकदार भी है. अदालत ने उस व्यक्ति को अपनी बेटी से महाराष्ट्र के लोनावाला में उसके जन्मदिन, त्यौहारों या तीन महीने में एक बार मिलने की अनुमति दी, जिसने दावा किया था कि वह बीते तीन वर्ष से अपनी 12 वर्षीय बेटी से नहीं मिला है. न्यायमूर्ति प्रदीप नंद्राजोग और न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की पीठ ने अपने फैसले में कहा, 'वैसे यह याचिका पक्षों के मिलने के अधिकार से संबंधित नहीं है, एक पिता जो अपनी बेटी के लिए गुजाराभत्ता देने के लिए तैयार और इच्छुक है, वह अपनी बेटी को कम से कम त्यौहारों, उसके जन्मदिन या नियमित अंतराल पर देखने का भी हक रखता है'. अदालत ने दिल्ली के एक व्यक्ति द्वारा दायर एक याचिका को निपटाते हुए यह फैसला सुनाया. इस याचिका में उसे अलग रह रही पत्नी को 25 हजार रुपये का मासिक गुजाराभत्ता देने के निर्देश को चुनौती दी गई थी. उससे बच्ची की शिक्षा और गुजाराभत्ता के लिए 25 हजार रुपये प्रति महीने देने के लिए भी कहा गया था.

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