दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं, संसद बनाए कानून : सुप्रीम कोर्ट

दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा- संसद बनाए कानून ।नई दिल्ली .Tue, 25 Sep 2018 . सुप्रीम कोर्ट दागी नेताओं के चुनाव लड़ने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने कहा कि चुनाव लड़ने से पहले प्रत्येक उम्मीदवार अपना आपराधिक रिकॉर्ड निर्वाचन आयोग के समक्ष घोषित करे। साथ ही कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों से भी कहा कि वे अपने उम्मीदवारों के संबंध में सभी सूचनाएं अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें।  मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि नागरिकों को अपने उम्मीदवारों का रिकॉर्ड जानने का अधिकार है। पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया। इस पीठ में न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा शामिल थे। पीठ ने अपने फैसले में संसद को निर्देश दिया कि वह राजनीति को अपराधीकरण से मुक्त कराने के लिए कानून बनाने पर विचार करे। साथ ही न्यायालय ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों से जुड़े उम्मीदवारों के रिकॉर्ड का प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से गहन प्रचार किया जाना चाहिए। निर्देश देते हुए न्यायालय ने कहा कि किसी मामले में जानकारी प्राप्त होने के बाद उस पर फैसला लेना लोकतंत्र की नींव है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का अपराधीकरण चिंतित करने वाला है। आपराधिक मामलों में मुकदमों का सामना कर रहे जनप्रतिनिधियों को आरोप तय होने के स्तर पर चुनाव लड़ने के अधिकार से प्रतिबंधित करना चाहिए या नहीं इस सवाल को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पीठ ने आज यह फैसला दिया। पीठ ने 28 अगस्त को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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