सभी नए वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस अनिवार्य : सुप्रीम कोर्ट

बेचे जाने वाले सभी नए वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य , चार पहिया वाहन के लिए यह तीन साल और दुपहिया वाहनों के लिए पांच साल के लिए होगा : सुप्रीम कोर्ट .नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट । Law Expert and Judiciary Exam. SEPTEMBER 3, 2018 •  सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतिम समय सीमा को और आगे बढ़ाने से मना करने के बाद 1 सितंबर 2018 से बिकने वाले सभी नए वाहनों का आवश्यक रूप से तीसरे पक्ष का बीमा होगा। इस मामले के बारे में कोयम्बटूर के गंगा अस्पताल के अध्यक्ष और हड्डी विभाग के प्रमुख एस राजशेखरन की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने 20 जुलाई को आदेश दिया था कि 1 सितंबर से बेचे जाने वाले सभी वाहनों के लिए तीसरे पक्ष का बीमा कराना आवश्यक होगा। इसमें कारों के लिए इसकी अवधि तीन साल और दुपहिया वाहनों के लिए पांच साल होगी। पीठ ने यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की समिति के निर्णय के आधार पर जारी किया था। पीठ ने कहा कि 26 मार्च 2018 को आयोजित समिति की एक बैठक में यह कहा गया कि इस समय देश की सड़कों पर 18 करोड़ वाहन चलते हैं और इनमें से सिर्फ 6 करोड़ वाहनों का ही तीसरे पक्ष का बीमा है और इसका अर्थ यह हुआ कि 66% वाहन बिना किसी तीसरे पक्ष की बीमा के सड़क पर दौड़ रहे हैं। जनरल इंस्योरेंश कौंसिल द्वारा दायर आवेदन में इसके लिए समय सीमा को आगे और बढ़ाने से पीठ ने मना कर दिया। आईआरडीए का सर्कुलर भारतीय बीमा विनियमन और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) ने शीर्ष अदालत के आदेश के साथ एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है – सिर्फ नए कारों के लिए तीन साल और दुपहिया वाहनों के लिए पांच साल का तीसरा पक्ष बीमा कराया जाएगा। इस बीमा की पूरी अवधि (तीन साल और पांच साल के लिए) बीमा की प्रीमियम राशि बीमा बेचने के समय वसूली जाएगी पर इसको वार्षिक आधार पर दर्ज किया जाएगा। इस तरह उस साल के प्रीमियम को आय के रूप में बताया जाएगा जबकि शेष प्रीमियम को‘अग्रिम प्रीमियम’ या ‘प्रीमियम जमा’ के रूप में दिखाया जाएगा। वर्तमान में जहां तक वाहन को खुद अपनी वजह से हुए नुकसान (ओन डैमेज) के बीमा की बात है, पैकेज पॉलिसी (उदाहरण के लिए व्यापक कवर) उपलब्ध है जिसमें दो बातों को शामिल किया गया है—मोटर थर्ड पार्टी देनदारी और मोटर स्व क्षति कवर। किसी भी मोटर थर्ड पार्टी बीमा को बीमाकर्ता या बीमित द्वारा रद्द नहीं किया जा सकता बशर्ते: (i) दोहरा बीमा हो (ii) पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कारण वाहन प्रयोग में नहीं है (iii) उस स्थिति में जब वाहन को बेच दिया गया है या स्थानांतरित कर दिया गया है।By Law Expert and Judiciary Exam. 

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