एससी-एसटी एक्ट के तहत प्रथमदृष्टया केस नहीं है तो जमानत दें : सुप्रीम कोर्ट

एससी-एसटी एक्ट के तहत प्रथमदृष्टया केस नहीं है तो जमानत दें : सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने फिर दोहराया है कि एससी-एसटी एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ यदि प्रथम दृष्टया केस नहीं बन रहा है तो अदालतें ऐसे आरोपी को अग्रिम जमानत दे सकती हैं। 

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ।10 Agust 2018.Law Expert and Judiciary Exam. 

यह आदेश एसएसी एसटी एक्ट को हल्का करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बेअसर करने के लिए लाए गए बिल के संसद में पारित होने के बाद आया है। केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के 20 मार्च के फैसले के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के लिए बिल लाई थी जिसे संसद ने पास कर दिया है। इस फैसले में अग्रिम जमानत देने, तुरंत गिरफ्तारी न करने, पहले प्रारंभिक जांच करने और जनसेवकों के मामले में गिरफ्तारी से पूर्व अनुमति हासिल करने के आदेश दिए गए थे।  मौजूदा मामला बिहार के चर्चित निखिल प्रियदर्शी रेपकांड का है। यह मामला पीड़ित लड़की के आदिवासी होने के कारण आईपीसी के साथ एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया था। 

जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की पीठ ने अग्रिम जमानत देने का आदेश इस मामले के एक आरोपी मृणाल किशोर की याचिका पर दी। सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने कोर्ट को बताया कि संसद ने एससी एसटी कानून में संशोधन बिल पास कर दिया है और अग्रिम जमानत नहीं देने के प्रावधान को फिर से बहाल कर दिया है।

 सरकार के वकील मनीष कुमार ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट की धारा 18 में के बारे में दिए गए फैसले का अब कोई असर नहीं रहा है।  पर पीठ ने आरोपी के वकील अशीष कुमार सिन्हा और बिनीता जायसवाल के तर्कों से सहमति जताई और कहा कि हमें इससे कोई मतलब नहीं है, जब अभियुक्त के खिलाफ प्रथम दृष्टया केस नहीं बन रहा है तो उसे जमानत दी जानी चाहिए। 

पीठ ने कहा कि एक्ट की धारा-18 में साफ है कि यदि आरोपी के खिलाफ पहली नजर में मामला नहीं बनता है तो उसे अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए। आरोपी का नाम एफआईआर में नहीं है और न ही लड़की ने उसका नाम सीआरपीसी की धारा 164 के बयान में लिया है। पुलिस डायरी में यदि आरोपी का नाम आया है तो उसे ट्रायल में देखा जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने मृणाल किशोर को जमानत दे दी। 

 कोर्ट ने इससे पूर्व पिछले वर्ष इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा कर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया था। रेप के इस मामले में ब्रजेश पांडे भी आरोपी हैं जो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं।

टिप्पणियाँ

  1. कृपया sc/sc 10 अगस्त के judgment की कापी send करें।
    manishadvhc@gmail.com
    9415738421 manish kumar srivastava
    Advocate high court allahabad

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