आंगनबाड़ी सेविका के पद पर चयन के लिए पात्रता पर विचार के लिए विवाहित और अविवाहित बेटी के बीच कोई अंतर नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि बिहार में आंगनबाड़ी सेविका (Anganwadi Worker) के पद पर चयन के लिए दिशानिर्देशों के अनुसार पात्रता पर विचार के लिए विवाहित और अविवाहित बेटी के बीच कोई अंतर नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि बिहार में आंगनबाड़ी सेविका (Anganwadi Worker) के पद पर चयन के लिए दिशानिर्देशों के अनुसार पात्रता पर विचार के लिए विवाहित और अविवाहित बेटी के बीच कोई अंतर नहीं किया जा सकता. न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने मुजफ्फरपुर जिले के ब्लॉक मुरौल में पंचायत केंद्र में आंगनबाड़ी सेविका की नियुक्ति के मुद्दे पर विचार करते हुए ये बात कही. पीठ ने कहा कि दिशानिर्देशों के अनुसार पात्रता पर विचार करने के उद्देश्य से विवाहित बेटी और अविवाहित बेटी के बीच कोई भेद नहीं किया जा सकता है. ग्रामीण इलाकों में ये काफी आम है कि पैतृक घर और मातृ गृह कभी-कभी एक ही गांव में हो सकते हैं. संबंधित मामले में 2006 में मुखिया/पंचायत सचिव, ग्राम पंचायत मीरापुर (कुमरपाकर) पंचायत द्वारा एक विज्ञापन जारी कर